मंगलवार, 8 दिसंबर 2015

आफ़त की मारी कॉंग्रेस बेचारी

GST पास कराने की भाजपा की कोशिश नाकाम हो सकती है या यूँ भी कह सकते है भाजपा नाकाम कोशिश कर रही है ! क्योंकि राहुल गाँधी हमेशा से ही कहते आ रहे हैं कि भाजपा कोई भी काम चुपके चुपके कर लेती है हमसे सलाह भी नही करती ! अगर भाजपा सलाह लेती तो सबसे पहले यही सलाह देते कि सुब्रमण्यम स्वामी को रोको, उसे बोलो कि शांति से बैठ कर बुढ़ापे का मज़ा लो उंगली करना बंद करो ! ना जाने क्या सूझी रहती है इस आदमी को , जब देखो पीछे ही पड़ा रहता है ! कभी नागरिकता पर प्रश्न खड़ा कर देता है तो कभी नेशनल हेरॉल्ड को लेकर ! इन दोनो ही मुद्दों हमने आम आदमी का कुछ भी नुकसान नहीं किया , और जिनमे कुछ किया है उस मामले आप हमारा कुछ कर नही पा रहे ! आख़िर जनता को और दुनिया को आपको भी तो कुछ जवाब देना ! घूम घूम कर दुनिया भर मे कहते फिर रहे हैं कि हम सुधार कर रहे हैं , कुछ नही कर पाओगे ! इस लिए अगर पास कराना है तो कुछ हमारा सहयोग कीजिए और फिर हम आपका सहयोग करेंगे ! इसे चाहे तो आप व्यापारिक भाषा BARTER SYSTEM मे कह लें या फिर सामाजिक भाषा मे GIVE AND TAKE ! लेकिन सरकार ने अपने स्तर पर सहमति बनाने ले किए  मेलजोल बढ़ाने लगे ! नेहरू जी की प्रशंसा से लेकर सोनिया जी तक की प्रशंसा की , मनमोहन जी और सोनिया जी चाय पर भी बुलाया ! अंबेडकर जी की विरासत को हड़पने की कोशिश भी हुई , मगर कॉंग्रेस ने भी बता दिया कि अंबेडकर जी और भारतीय संविधान मे गैर भाजपाई लोगों का ही योगदान है ! क्योंकि RSS की भारतीय संविधान मे आस्था नही थी इसीलिए उनका कोई नैतिक हक़ नहीं बनता अंबेडकर की विरासत पर अधिकार जताने का ! फिर भाजपा इस बात का भी समुचित जवाब नहीं दे पाई कि जब देश 26 जनवरी को सेलिब्रेट करता ही है तो फिर 26 नवंबर क्यों ? क्या अंबेडकर को नेहरू पर तरजीह देने की कोशिश कर रही है सरकार ! आख़िर सरकार उन लोगों को जगाने की कोशिश क्यों कर रही है जिन्हें कॉंग्रेस ने नेहरू और गाँधी जी की छाया मे इतिहास के कोनो मे छुपा दिया था ! खैर .... राजनीति है आम आदमी की समझ मे नही आएगा !
समझ मे तो कॉंग्रेस के भी नही आ रहा कि एक सप्ताह पहले संसद मे जिन अंबेडकर के संविधान पर कॉंग्रेस को इतना गर्व था , आज उसी पर इतना गुस्सा क्यों आ रहा है ! अगर नेशनल हेराल्ड केस मे कुछ हुआ है तो उसी क़ानून के दायरे मे हुआ , उसी संविधान की न्याय प्रणाली के अंतर्गत हुआ ! कैप्टन अभिमन्यु यह तो कहते हैं कि अंबेडकर जी ने दुनिया का सबसे अच्छासंविधान देश को दिया ! लेकिन उसी की न्याय प्रकिया की प्रतिक्रिया स्वरूप कॉंग्रेससंसद को ठप कर देती है !

हमने तो 6वीं कक्षा ने ही पढ़ना शुरू कर दिया था कि ALL ARE EQUAL BEFORE LAW, लेकिन यह सच्चाई से कोसों दूर है ! क्योंकि राहुल और सोनिया गाँधी की याचिका खारिज होने के बाद संसद का यह हाल है तो कल्पना कीजिए कि तब संसद को क्या हाल होगा जब सोनिया जी के दामाद श्री वाड्रा जी से पूछताछ शुरू होगी ! क्योंकि हरियाणा में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा गुड़गांव केचार गांवों में डेवलपर्स के लिए लाइसेंस देने में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहेन्यायमूर्ति एसएन ढींगरा आयोग,रॉबर्ट वाड्रा , कांग्रेसअध्यक्ष सोनिया गांधी केदामाद को अगले साल कीशुरुआत में लिए बुलाने को तैयार है।


मेरी तो सलाह यही है कि रहीं जी को याद कीजिए और इंतजार कीजिए :-
रहींमन चुप ह्वे बैठिए , देख दीनन कर फेर ! जब नीके दिन आइ हैं बनत ना लगीहे बेर !!

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