मंगलवार, 22 दिसंबर 2015

क्यों माफ़ करे निर्भया की माँ

श्री विवेक आसरी  जी ने एक पत्र लिखा है निर्भया की माँ को,कि वे बड़ादिल करके उसरेपिस्ट को माफ़कर दें ! उन्होने ने तर्क दिया है : (अंतिम पैराग्राफ)

http://blogs.navbharattimes.indiatimes.com/rabbitpunch/letter-to-nirbhayas-mother-please-forgive-your-daughters-rapist/


और,उस  अपराधी  को  अपराधी  बनाने  में भी  हम-आप शामिल  हैं।सोचिए, जब वह 5-6 साल का बच्चा था, तब उसे निर्भया जैसी  परवरिश मिली होती, तब क्या वह भी आपकी बेटी की तरह किसी कॉलेज में पढ़ाई कर रहा होता? अपराधियों को अपराधी बनाने में समाज की भूमिका कम नहीं होती। इस जिम्मेदारी से आप भाग नहीं सकतीं। आपको टीवी पर रोते देख मैं और मेरी पत्नी रोज रोते हैं। आपका दुख साझा करते हैं। मेरी पत्नी आपवाली ही बात कहती है कि इस आदमी के साथ वैसा ही करना चाहिए जैसा इसने निर्भया के साथ किया, रेप जैसा भयानक काम करने वाले को बच्चा कैसे माना जाए, आदि। लेकिन, तब मैं कहता हूं कि निर्भया की मां के पास मिसाल बनने का मौका है। आप आज बदला लेने के लिए इस अपराधी को फांसी पर लटकवाकर मिसाल बन सकतीहैं। और इस अपराधी को माफ करके भी आप एक मिसाल बन सकती हैं।

मैं इस देश का नागरिक होने के नाते निर्भया की माँ के साथ खड़ा हूँ और उनकी इस माँग से भी पूर्णतया सहमत हूँ कि उसको सज़ा मिलनी ही चाहिए ! ……… फिर चाहे सज़ा फाँसी की ही क्यों ना हो


यह कहना कि रेपिस्ट कम पढ़ा लिखा था तो यह बिल्कुल सरासर ना इंसाफी की बात होगी निर्भया की माँ के साथ , अपराध का पढ़ाई लिखाई से कोई संबंध नहीं है ! जो जितना पढ़ा लिखा शिक्षित है , उतना ही शातिर अपराधी ! आप गिनते जाइए याक़ूब मेमन , ओसामा बिन लादेन , अल ज़वाहिरी आदि अच्छे ख़ासे डिग्री धारक हैं ! हाल ही मे ISIS के समर्थन मे जयपुर से इंडियन आयल का कर्मचारी MBA डिग्री धारक, अल-कायदा का भारतीय मॅड्यूल का आतंकवादी जो कटक से पकड़ा गया था वह PHD धारक है ! जो लोग ISIS की तरफ से लड़ने के लिए भारत से पलायन कर रहे थे उनमे से कोई भी अनपढ़ नहीं था , सब के सब इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे ! जो अधिकारी भ्रष्टाचार मे फँसे हुए या लिप्त पाए गये वे सब भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा IAS, IRS, IPS और राज्यों की लोक सेवा आयोगों से निकले हुए अधिकारी हैं ! जो लोग भारतीय सेना और विदेश मे भारतीय उच्चायोग मे ISI के लिए जासूसी करते हुए पकड़े गये वो इतने भी अनपढ़ नहीं थे कि उन्हें इस बात का भान ना हो की वे देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं ! देश मे ड्रग्स का धंधा करने वाले अनपढ़ नहीं है ! उन्हें क़ानून का पूरा ज्ञान है कि वे कैसे इसके चंगुल से आराम से निकल सकते हैं ! इलाज की आड़ मे लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ खेलने वाले लोग MBBS , MD और ना जाने क्या क्या डिग्री रखे होते हैं , और वो पत्रकार ही था जो पेट्रोलियम मंत्रालय के जासूसी कांड मे पकड़ा गया था ! और वो काली कोट वाले तो पूरी तरह क़ानून के पंडित ही होते हैं ना जो चंद रुपयों के खातिर अपराधियों को बेकसूर साबित करने पर तुले हुए हैं ! और वो लोग तो भगवान के बराबर माने जाते हैं ना जो जज की कुर्सी पर बैठकर भ्रष्टाचार मे लिप्त रहते हैं ! तो आख़िर किस किस की परवरिश की ज़िम्मेदारी वो ले अपने माथे पर !


और दूसरी बात न्याय माँगना "आँख के बदले आँख और सिर के बदले सिर" वाली सोच नहीं है , यदि आप ऐसा सोच रहे हैं तो इस देश के संविधान मे वर्णित उस अनुच्छेद का भी अपमान कर रहे हैं जिसके अंतर्गत वह हर भारतीय को संवैधानिक उपचारों का अधिकार देती है ! और आपको सनद रहे कि निर्भया की माँ ने ऐसी कोई माँग ही नही रखी है जो संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के इतर हो ! इसलिए इंसाफ़ माँगना , बदला लेना नहीं है ! यदि ऐसा होता तो तो भारतीय अदालतों मे मुक़दमों के ढेर ना लगे होते ! अदालतीय व्यवस्था ना होती ! और आप उस रेपिस्ट के लिए माफी की माँग करके बस और कुछ नहीं सिर्फ़ खाप पंचायतों के ही उदाहरण रख रहे हैं , जहाँ पर रेप करने पर सज़ा के रूप मे कुछ हज़ार रुपये जुर्माने , या फिर 10-5 जूते या फिर समाज से माफी माँग लेना ही पर्याप्त  सज़ा होती है !


एक संदेश निर्भया की माँ के नाम :
चिरकालिक शांति के लिए आपका युद्धरत रहना अनिवार्य हैं , समझौते से मिली शांति अल्पकालिक होती है ! यदि आप उन लोगों को माफ़ करदेंगी तो यह आपकी अपनी ममता के साथ छलावा होगा ! मैं विवेक आसरी  जी की एक बात से सहमत हूँ कि आपको मिसाल बनना चाहिए ! आप मिसाल बानिए लेकिन उसे क्षमा करके नहीं , बल्कि दंड दिलाकर ! आप अपनी लड़ाई को बीच मे मत छोड़ना , उसे उसकी परिणति तक अवश्य ले जाइएगा आपके साथ दो बेटियों के पिता की शुभकामना है आपकी आगे की लड़ाई के लिए ! यदि आप सफल होती हैं तो सोचिए इस देश की लाखों बेटियाँ आपको दुआएँ देंगी , लाखों माएँ आपकी कर्ज़दार रहेंगी !


और एक संदेश उन महाशय के लिए जिन्होने माफी के लिए पत्र लिखा : जाके पैर ना फटी बिवाई , वो क्या जाने पीर पराई !