बुधवार, 25 नवंबर 2015

मेरी नज़र से : आपको भी अपनी गिरेबान मे झाँकना चाहिए लश्कर-ए-मीडिय...

मेरी नज़र से : आपको भी अपनी गिरेबान मे झाँकना चाहिए लश्कर-ए-मीडिय...: NBT के ब्लॉगर श्री दुष्यंत कुमार का ब्लॉग पढ़ा " पश्चिम अपना ग़रेबा देखे , मुस्लिम कमियाँ   " ! अपनी बात रखने से ...

आपको भी अपनी गिरेबान मे झाँकना चाहिए लश्कर-ए-मीडिया

NBT के ब्लॉगर श्री दुष्यंत कुमार का ब्लॉग पढ़ा "पश्चिम अपना ग़रेबा देखे, मुस्लिम कमियाँ " ! अपनी बात रखने से पहले कबीर जी का एक दोहा लिखना चाहता हूँ :
बुरा जो देखन मैं चला , बुरा ना मिलिया कोय !

जो दिल ढूँढा आपना . मुझसा बुरा ना कोय !!


बस इतनी सी ही बात है कि हमलोग हमेशा ही दूसरों के दोषों पर नज़र रखे हुए रहते हैं जबकि अपनी कमियाँ तो उससे भी भयानक है ! पिछले 4 दिनों मे देश की केंद्रीय कैबिनेट ने कई सुधारवादी कदम उठाए लेकिन उसकी जानकारी मीडीया ने नहीं दी, ना ही यह ही बताया कि इन सुधारों मे क्या कमी रह गई जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए , लेकिन ऐसा भी नहीं की मीडीया मे कोई बहस नही हुई, बहस हुई इस बात को लेकर कि जेम्स बॉन्ड को संस्कारी क्यों बनाया गया , आख़िर चुम्मा को छोटा क्यों किया गया, वह भारत मे ऐस-होल नहीं बोल सकता ! आख़िर कोई भद्र्जन यह बताएगा कि इस बहस से आम आदमी की जिंदगी मे क्या फ़र्क पड़ने वाला है !

NBT के 3 ब्लॉगर लगातार, नीरेंद्र नागर, भारत सिंह और दुष्यंत सिंह अख़लाक़ के मुद्दे पर लिखते रहे, लेकिन सच्चाई को उजागर करती हुई यह रिपोर्ट देखिए और बताइए कि मीडिया की यह बेशर्मी को बर्दाश्त किया जा सकता है क्या ? ‘The DadriTruth: A Personal Grudge Twisted Into a Communal Killing” 

सूनपेड़ फरीदाबाद मे जो घटना घटी थी वह भी व्यक्तिगत लड़ाई थी मगर केजरी-राहुल-वृंदा के साथ साथ देश की लश्कर-ए-मीडीया ने उस घटना को सीधे सीधे सवर्ण-दलित की लड़ाई बनाने पर पिली हुई थी ! DNA की यह रिपोर्ट  देख सकते हैं !


जहाँ तक सहनशीलता की बात है तो  क्या इस बात को भी सह लें जो आज़म ख़ान ने कहा, जो मणिशंकर अय्यर भारत के खिलाफ पाकिस्तान को षड्यंत्र के लिए उकसा रहे थे , या फिर खुर्शीद आलम के उस बयान से सहमत हो जाएँ जो नवाज शरीफ को शन्ति दूत करार दे रहे थे जबकि दो जिंदा आतंकवादी अभी भी भारत के कब्ज़े मे हैं और सीमा पर रोजाना सैनिक शाहिद हो रहे हैं और आतंकवादी मारे जा रहे हैं ! इन कॉंग्रेसी नेताओं के बयान के खिलाफ कोई ब्लॉगर जगा , नहीं ! तो हम यह क्यों ना मान लूँ कि ये सारे लश्कर-ए-मीडिया हाउस कॉंग्रेस से मिले हुए हैं और कॉंग्रेस पाकिस्तान से , नहीं तो क्या जैसे वर्तमान सरकार छोटा राजन को गिरफ्तार कर के ले आई और दाऊद के लिए प्रयास कर रही है, क्या पिछली सरकारों ने भी ईमानदारी से प्रयास किए ! आख़िर मीडीया को हर बात को इतना ट्विस्ट करने मे क्या मज़ा आता है !

जहर कौन फैला रहा है :-
किसी भी सभ्य समाज मे किसी भी  प्रकार के दंगे होने ही नही चाहिए ! धर्म निरपेक्षता का मतलब क्या है सरकार के लिए? शायद सभी धर्मों से दूरी, और क़ानून बनाते समय उस पर किसी भी धर्म के प्रभाव को ना दिखने देना  ! लेकिन इसका ये कभी भी मतलब नहीं हो सकता "तुष्टिकरणक्योंकि सहबानों केस के बारे मे लिखने का कोई मतलब नहीं है , की कैसे देश के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को मुल्लों-मौलवियों के दबाव मे आकर बदल दिया ! सब्सिडी के नाम पर हज यात्रा, यह कौन सी धर्म निरपेक्षता है , वोट बैंक वाली !

मीडीया की रिपोर्टिंग भी (अ)धर्म निरपेक्ष है :-
मैं यहाँ पर मीडीया की धर्म निरपेक्षता और पार्टी निरपेक्षता के कुछ अंश दे रहा हूँ ! ऐसे दंगे, जहाँ पर लोग मरे हैं उनकी रिपोर्टिंग :यदि हिंदू पीड़ित है तो रिपोर्ट होगी : दो समुदायों के बीच झड़प ; और यदि पीड़ित कोई मुस्लिम है तो रिपोर्टिंग होगी : हिंदुओं ने मुस्लिमो को मारा/ पीटा
BBC HINDIA ,NBT, NDTV, ABP NEW (See Pics at Last)



हिंदुओं के विरुद्ध मुस्लिमों की किसी भी घटना की ऐसी रिपोर्टिंग ढूढ़ने के बावजूद नहीं मिली ! अगर आपको अब भी लगता है कि देश का कोई भी नागरिक , कोई भी समाज सेवक, पत्रकार, बुद्धिजीवी , मीडीया ये निष्पक्ष हैं , तो फिर  …. ……. कुछ भी नही हो सकता !               इन तथाकथित बुद्धिजीवियों की हक़ीकत बयाँ करती  तुफैल अहमद  का  यह लेख भी देखें !



जीतने साहित्यकार और नेता अभिनेता बुद्धिजीवी जो की असहिष्णुता का राग अलाप रहे हैं इनकी सिर्फ़ एक समस्या है , जब तक मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं इस सभी को कभी भी चैन नही आएगा ! अभिनेत्री रवीना टंडन ने अपने ट्विटर पर एक लिंक शेयर किया था जिसमे उन सभी लोगों का नाम है जो नही चाहते थे कि मोदी को वीज़ा मिले ! उनमे से आमिर ख़ान का नाम सबसे उपर है !


आपका क्या विचार है ये आपको तय करना है ! क्योंकि लश्कर--मीडीया और सेकुलरों ने पहले ही अपना पक्ष तय कर लिया है !