शनिवार, 31 अक्तूबर 2015

अवॉर्ड वापसी को सपोर्ट तो करूं, लेकिन...

मैं सोच रहा था कि मोदी सरकार के खिलाफ असहिष्णुता के मामले मे  AWARD WAPASY CAMPAIGN को दिल से सपोर्ट करूँ ! लेकिन क्या करूँ , अभी तक सिर्फ़ उन्हीं लोगों ने ही इसको अपना समर्थन किया है जो लोग वामपंथ और कॉंग्रेस की विचारधारा के समर्थक कवि, लेखक, इतिहासकार एवं फिल्मकार हैं ! इसका सिलसिला मोदी के सत्ता मे आने के बाद से ही शुरू हो गया था और जहाँ तक मुझे याद है कि "लीला सैमसन जी" (https://en.wikipedia.org/wiki/Leela_Samson#Controversy) ने इसकी शुरुआत की थी, जो अब एक एक करके साहित्यकार , फिल्मकार और इतिहासकारों तक पहुँच गया !

कुछ लोग कहते हैं कि लीला सैमसान समेत इनमे से कई ऐसे लोग थे जो किसी ना किसी संस्था मे उँचे ओहदों पर बैठे थे और सरकार बदलने के बाद जब इन्हे यह अहसाह हुआ कि जब राज्यपाल तक बदल दिए गये तो फिर वो क्या हैं , उन्हे भी हटा दिया जाएगा ! इसलिए कि सरकार हटाए इससे पहले खुद ही शहीद हो गये ! और अब, यदि ये लोग यह समझ रहे हैं कि इनके ऐसा करने से जान मानस मे सरकार के प्रति कोई नकारात्मक बदलाव आएगा तो ये इनकी ग़लतफहमी है ! सब जानते हैं कि इनका अजेंडा कॉंग्रेस और वामपंथियों से भिन्न नहीं है !

लेकिन इनके अभियान को धार तब मिलती जब स्वयं इनके वैचारिक आका लोग जो अभी भी संसद (लोकसभा या राज्यसभा ) , विधायक  या कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर कब्जा जमाए बैठे हैं , उन्हे भी अपने अपने पदों से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए , और उन नेताओं को भी जिन्होने खुद स्वयं को स्वधन्य्मान कर भारत रत्न घोषित किया ! उनके अनुयायियों को भी वे अवॉर्ड वापस कर देने चाहिए !

इन लोगों की एक और शिकायत थी कि मोदी इंटरनेट की आज़ादी पर भी ग्रहण लगा रहे हैं , लेकिन ठीक इसके उलट, एक स्वतंत्र संस्था की रिसर्च यह कहती है की मोदी सरकार मे इंटरनेट की आज़ादी और अधिक इंप्रूव हुई है ! आप नीचे दिए हुए लिंक पर जाकर चेक कर सकते हैं ! (Report from “The Week”) http://www.theweek.in/news/biz-tech/internet-freedom-in-india-improved-under-modi-government.html

जब ऐसा है तो फिर विरोध क्यों ? सिर्फ़ विरोध के लिए ? वो तो वैसे भी गैर NDA नीत दल कर ही रहे हैं ! मुझे लगता है कि इसको समझने के लिए DAVID B COHEN का यह ट्वीट ही काफ़ी है।



शनिवार, 24 अक्तूबर 2015

मैं सब कुछ ठीक कर सकता हूँ

मैं सब कुछ ठीक कर सकता हूँ

जैसा की आप सबको पता है कि मेरे पास कुछ मायावी शक्तियाँ हैं जिनसे मैं सब कुछ ठीक कर सकता हूँ ! और ये मेरा कोई वादा नही बल्कि दावा है ! अभी मेरे हाथ मे कोई शक्ति (संवैधानिक) नहीं है इस लिए देश और दिल्ली के लिए कुछ नहीं कर सकता सिवाय दोषारोपण के ! देखों ना , देश मोदी के हाथ मे , एल जी मोदी के हाथ मे , दिल्ली पुलिस मोदी के हाथ मे ,  भाजपा और आर एस एस मोदी के हाथ मे, हिंदू संगठन मोदी के हाथ में ! मेरे हाथ मे क्या है , कुछ भी नहीं, यहाँ तक कि मेरी सरकार का एक भी मंत्रालय मेरे हाथ मे नहीं ! तो आख़िर मैं करूँ तो क्या करूँ और कैसे करूँ ! मैं बिल्कुल खाली हूँ ! मेरे हाथ मे केवल दो चीज़ें हैं , एक मेरी पार्टी और दूसरा मेरा मोबाइल ! मोबाइल से ट्वीट और री -ट्वीट करता हूँ और पार्टी मे सुधार के प्रयोग !
Geograpgy Mid Term Exam Paper of 12 Class in Delhi 
हाँ , तो मैं कह रहा था कि मैं सब कुछ ठीक कर सकता हूँ, आपने तो देखा ही होगा , सबसे पहले मैने अपनी पार्टी को ठीक किया , पार्टी के लोगों को ठीक किया , यहाँ तक कि मैने उनको भी नहीं बख्शा जो मेरे साथ पार्टी बनाते समय थे , जिन्होने मुझे क़ानूनी सलाह दी, धन दिया ! एक ही झटके मे दूध मे गिरी मक्खी की तरह निकल कर बाहर कर दिया , ट्रांसपैरेंसी की बात कर गंदगी फैला रहे थे पार्टी में ! इनको तो छोड़ो अपने लोकपाल और लोकपाल की वकालत करने वाले को भी ....... कर दिया

Geograpgy Mid Term Exam Paper of 12 Class in Delhi 
खैर छोड़ो , दूसरे सुधारों की बात करते हैं , अभी देखो हमारी सरकार , जो आपकी सरकार है यानी की दिल्ली की सरकार ने, भूगोल विषय जो की शिक्षा मंत्रालय मे अंतर्गत यानी की अपने सिसोदिया भाई के अंतर्गत आती है, मे सुधार हुआ है ! लेकिन इस सुधार को किसी चैनल वालों ने नहीं दिखाया , क्योंकि मीडिया को मोदी ने खरीद रखा है, और सांप्रदायिकता के शोर तले इस ऐतिहासिक खबर को दबा दिया , ठीक उसी तरह जैसे मेरे हर फ़ैसले को एल जी साहब दबा देते हैं ! आपकी सरकार ने जो बदलाव लाए हैं वो 1947 से लेकर आजतक ना तो पाकिस्तान कोई जनरल कर पाया है, ना ही भारत का कोई नेता ! अब मैं अपने मुँह से अपने सरकार की कितनी बड़ाई करूँ , आप स्वयं देख लीजिए ! और कल्पना कीजिए की मैं अगर प्रधानमंत्री बन गया तो क्या क्या बदलाव ला सकता हूँ ! मीडीया की बेरूख़ी तो देखिए ऐसा ही कुछ परिवर्तन ऑर्गनाइज़र ने कुछ दिनों पहले ग़लती से कर दिया था तो उसपर उस शाम हर चैनल वाले डिबेट करवा रहे थे , और हमको भाव ही नहीं दिया ! हैं .... करमजली मीडीया .....
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