अभी
अभी मीडीया मे
खबर आई कि
असम के बारपेटा
सत्र मे राहुल
गाँधी को एक
मंदिर मे RSS ने
जाने से रोका , राहुलगाँधी का यह आरोप है कि बारपेटा सत्र मे मंदिर मे जब वो जा रहे थे तो ने कुछ महिलाओंको आगे कर उनका विरोध कर रहे थे , लेकिन बाद मे वे मंदिर जाने मे सफल हुए !
प्रथम
दृष्टया तो यह कि राहुल गाँधी सरासर झूठ बोल रहे थे, उनके असम दौरे मे कहीं पर भी बारपेटा
सत्र के दौरा का ज़िक्र ही नहीं है ! नीचे उनके कार्यक्रमों की लिस्ट है , आप खुद देख
सकते हैं !
यह
आरोप उतना ही झूठा है जितना कि इस देश की आज़ादी और विकास मे सिर्फ़ कांग्रेस का ही
योगदान है , अब एक प्रश्न राहुल गाँधी से कि इतना झूठ क्यों भाई ? क्या पूरा देश आपके
परिवार का गुलाम है, क्या इस देश को अपने अनुसार सरकार चुनने का अधिकार नहीं ! आपको सत्ता से इस देश ने इसलिए बेदखल किया था कि आपलोगों
ने इस देश को अपनी बपौती मान ली थी ! आपने यह मान लिया था कि देश की जनता मूर्ख है,
हम भ्रष्टाचार पे भ्रष्टाचार करते रहेंगे और पब्लिक को सेकूलरिस्म के नाम पर बेवकूफ़
बनाते रहेंगे ! लेकिन ऐसा नहीं है , देश को जितना अंधेरें मे रखना था रख लिया , अब
लोग शिक्षा के लिए सरकारों के भरोसे रहना छोड़ दिया है ! शिक्षा की तरफ जितना लोग अग्रसर
होते रहेंगे आपकी लुटिया उतनी ही डूबती जाएगी ! इससे पहले की रेत की तरह समय हाथ से
फिसल जाए , जागो , जागो और पहचानो लोकतंत्र को और इस लोकतंत्र के "लोक" को
! वो फिल्म का डॉयलॉग तो याद ही होगा ना "आम
आदमी सोता हुआ शेर है, उंगली मत करो, जिस दिन जागेगा , चीर फाड़ देगा"
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