रविवार, 26 अप्रैल 2015

वसुधैव कुटुम्बकम और भारत

नरेंद्र मोदी जी सही ही कहते है "वसुधैव कुटुम्बकम" !
यह नंरेंद्र मोदी जी का कोरा भाषण नही है बल्कि उन्होने इसे पूर्णतया चरितार्थ किया है !
इन प्राकृतिक आपदाओं के साथ साथ चरमपंथियों द्वारा खड़ी की समस्याओं मे जिस प्रकार से मोदी जी ने काम किया वो कबीले तारीफ है!  चाहे देश की कमान संभालने के साथ ही जम्मू- कश्मीर की बाढ़ हो या इराक़ और यमन से भारतीयों की वतन वापसी, दोनो ही
जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने हैं प्रकृति भी जैसे उनकी परीक्षा ले रही हो! जम्मू कश्मीर मे बाढ़, तेलंगाना और आंध्र मे आई सूनामी, यमन से भारत के साथ साथ कई और देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित निकलना, वाकई सब अद्भुत, अतुलनीय !
अब नेपाल मे भूकंप से आई तवाही मे भी मोदी जी ने नेपाल को एक बड़े भाई की तरह ही तुरंत बिना कहे मदद भेजी!
इधर बाबा रामदेव जी ने भी नेपाल की जिस तरह से मदद कर रहे है वो भी अकल्पनीय ही है! उनके शिविर मे 50000 करीब लोग रह रहे है जिनको हर तरह की मदद दी जा रही है, खाना, पानी , फल और मेडिकल सुविधाएँ , सभी कुछ ! इसके साथ ही उन्होने अपने समर्थकों से अपील भी की है नेपाली भाइयों के इलाज के लिए वे रक्त दान करें! और ऐसे 500 बच्चों को गोद लेने की बात भी कर रहे हैं जिन्होने अपने  माँ-बाप इस त्रासदी मे खो चुके हैं!
इन सब के साथ साथ कदम से कदम मिलाकर चले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवक ! देश मे कहीं भी कोई भी आपदा हो स्वयं सेवक पहुच जाते है!
इन सब के इतर अगर आप लोग ध्यान दे तो एक और ग्रुप है जो हर प्रकार की संकट की घड़ी मे मानवीय सेवा करता रहा है, वो है भारतीय फ़ौज़ !

सचमुच इन्ही सब के आधार पर ही तो ये कहावत चरितार्थ होती है "वसुधैव कुटुम्बकम"
आप सभी पर हर देश वशी को गर्व है 
जय हिंद जय हिंद के वासी 

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