सोमवार, 4 मई 2015

मेरी नज़र से : महायज्ञ

मेरी नज़र से : महायज्ञ: बात दर असल 2003 की है ! दिल्ली मे मेरे पड़ोस मे एक सज्जन रहते थे ! उनका नाम तो याद नही लेकिन लोग “लंबू सिंह”  कह कर उन्हे संबोधित करते थे ...

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